1 : एगैरिकस बिस्पोरस
इसका रंग प्रारंभ में सफेद तथा बाद में धूसर से भूरा हो जाता है। यह मशरूम ठंडी जगहों पर प्राकृतिक रूप से उगता है।
2 : एगैरिकस एर्वेन्सिस
इसका आकार गेंद की तरह गोल होता है। यह समतापी क्षेत्र में जहाँ आर्द्रता होती है वहां पर प्राकृतिक रूप से उगता है।
3 : एगैरिकस काम्पैक्ट्रिस
छत्र का रंग शुरू में सफेद जो बाद में गुलाबी व बैगनी होते भूरे रंग का हो जाता है। अंतिम अवस्था में लगभग काले रंग का हो जाता है।
4 : एगैरिकस आगस्टस
इसके गिल्स काफी सघन व शुरू में सफेद व नारंगी तथा अंतिम अवस्था में गहरा भूरा हो जाता है। इसका तना चिकना सफेद व हल्का गुलाबी लिए हुए होता है, तने के निचले हिस्से में भूरे रंग के धब्बे होते हैं।
इसका गूदा सफेद परन्तु कभी – कभी पीले रंग के धब्बे लिए हुए होते हैं। इसमें तेज बादाम जैसी गंध आती है।
5 : एगैरिकस बिटारकिस
इसके गिल्स पहली अवस्था में सफेद जो बाद में बदलकर गुलाबी तथा गहरे भूरे रंग का हो जाता है। स्पोर प्रिंट भूरे रंग का होता है।
6 : एगैरिकस बोहुसी
गिल्स इसके पहले हल्का सफेद या हल्का गुलाबी हो सकता है जो बाद में बदलकर गहरे भूरे या काले रंग के हो जाते हैं। तना मुङा हुआ होता है शुरू में सफेद एवं बाद में भूरे रंग का होता है।
मशरूम का गूदा पहले सफेद एवं हवा लगने पर लाल भूरे रंग फिर बदलकर गहरे भूरे रंग का हो जाता है।
7 : एगैरिकस लेनाईप्स
छत्र शुरू गोल व सफेद / हल्के पीले रंग के छत्र के उपर हल्के भूरे रंग के धब्बे होते हैं।
मशरूम के तने चिकना तथा उस पर लाल छोटी – छोटी धारियां बनी हुई होती है।
8 : एगैरिकस मैक्रोस्पोरस
छत्र किनारों से अंदर की ओर मुङे हुए तथा छत्र शुरू में सफेद जो बदलकर हल्का पीला बाद में भूरा हो जाता है। इसके गिल्स पहले गुलाबी फिर भूरा बाद में बदलकर काले रंग का हो जाता है।
इसका तना सफेद कुछ भूरे धब्बे लिए होता है, गुदा काटने पर लाल भूरे रंग का हो जाता है।
9 : एगैरिकस सिलवैटिकस
छत्र हल्के भूरे रंग तथा छोटे – छोटे धब्बे होते हैं। मशरूम पर थोड़ा सा कट करने पर तुरंत लाल हो जाता है।
इसका गिल्स ग्रे से लाल तथा बाद में भूरे रंग का हो जाता है।
10 : एगैरिकस सिल्विकोला
गिल्स पहले हल्के गुलाबी बाद में चाकलेटी रंग का होता है। गूदा सफेद और कम होता है।
11 : एगैरिकस प्रायकोक्स
एगैरिकस
Reviewed by vikram beer singh
on
ديسمبر 24, 2018
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